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10 Dec 2024 · 1 min read

बांग्लादेश और हिन्दू

जिनके अस्तित्व की वजह भी हम हैं,
वो हमको आँख दिखाते हैं।।

बाप नही हम दादा उन्के,
वो हमको ताव दिखाते हैं।।

भूल गए वो उस दिन को,
जब रखवाले बन हम आये थे।।

96 हजार को बना के बन्दी,
जब उनकी लाज बचाये थे।।

हम ही मूर्ख थे शायद,
जो आजादी इन्हे दिलाई थी।।

उसी समय रंणबाकुरो को,
मिट्टी मे अपनी मिलाना था।।

आज जो हमको रोंध रहे है,
खाक मे इन्हे मिलाना हैं।।

वो डाल तिरंगा खूंद रहे हैं,
तिरंगे का मोल बताना हैं।।

औकात नही है कुछ भी इनकी,
कीमत अपनी बतलानी हैं।।

दौड़ा दौड़ा कर मार रहे हैं,
औकात इन्हे दिखलानी हैं।।

एहसान फरामौश रहे है ये तो,
और गद्दारी रक्त मे बहती हैं।।

जो सगे नही है किसी के जानो,
बस गंदी सोच मे जीते हैं।।

विश्वास किया है जिसने इनपर,
विश्वासघात ही खाया हैं।।

मोदी तुम आदेश करो बस,
मिट्टी मे इन्हे मिला देगे।।

भारतवर्ष को अखंड करे हम,
हिन्दुस्तान मे इन्हे मिला देगे।।

शान्ति के कबूतर बहुत उड़ाये,
अब गुरूओ के बाज उड़ाते हैं।।

छप्पन इंच की छाती अपनी,
अब बंग्लादेश को दिखाते हैं।।

सही जगह जो है उनकी,
ललकार के वो दिखलाते हैं।।

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