( दिवाली पर मेरी ग़ज़ल 2122 2122 2122 22 )
( दिवाली पर मेरी ग़ज़ल 2122 2122 2122 22 )
तेरा मेरा जब मिलन होगा दिवाली होगी,
संग सजनी के सजन होगा दिवाली होगी।
हर युवक को मुश्क़िलों से लड़ना होगा दिल से,
हौसलों का जब वरण होगा दिवाली होगी।
धन का संग्रह एक सीमा तक ही जायज दानी,
जब भी लालच का दमन होगा दिवाली होगी।
अपना मन पापी विचारों का है पोषक जब भी,
उन विचारों का पतन होगा दिवाली होगी।
त्याग हर जायज है जब जब मुल्क संकट में हो,
जब शहादत को नमन होगा दिवाली होगी।
राम सा व्यौहार कर पाओ तो अच्छा या जब,
दिल के रावण का दहन होगा दिवाली होगी।
ले चलो मंझधार पे तुम अपनी कश्ती दानी,
लहरों पे जब आचमन होगा दिवाली होगी।
( डॉ संजय दानी दुर्ग सर्वाधिकार सुरक्षित)