करुणा रोती आंगन में
व्योमगंगा की अश्रु में
असीम वेदना की हृदय
ताने वाणे की दुनियां में
अपनों की परायेपन में
प्रतिध्वनि विलखाती है
ममता पगली सी सूनी
स्मृतियाँ बसी यादों में
उलझन भ्रमर जालों में
दयानिधि करुणामयी से
मिली तनुजा करुणा को
करवट बदली अभिलाषा
करुणार्द गाथा करुणा की
जटिल समस्या वेसुध मन
रोड़े छिल छिल छाले फोड़े
शिक्षा संस्कार से पाली है
ब्याह हुआ बहु की रौनक
सुख सपना आंगन करुणा
विधि लिखा पता किसको
पानी भरी सागर में मछली
शीतल व्याकुल प्यासी है
करुणा सुख को ललकारा
नीले निलय अलग बसेरा
कफ़न नहीं दिखाकर पैसा
चलती आत्मा को फटकारा
व्यर्थ सिंहनी मलीन मालिका
धरणी का टूटा कुल किनारा
आहत सुख की शांत उमंगे
जन्मालय अब बनी समाधि
वक्त कहां जो सुने दर्द कहानी
व्यथित करुणा रोती आंगन में ।
*********
टी .पी . तरुण