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5 Sep 2025 · 2 min read

गुरु प्रकाश का अनन्त प्रवाह

गुरु,
तुम वही जनरेटिंग स्टेशन हो
जहाँ विचारों के टर्बाइन
अनुभव के जल से घूमते हैं,
और चेतना की नदियाँ
निरंतर बहती रहती हैं।

तुम्हारी वाणी
एक मज़बूत ट्रांसमिशन लाइन है,
जो तूफ़ानों और अंधेरों में भी
रोशनी को सुरक्षित पहुँचाती है।
तुम्हारी दृष्टि
एक चमकती सर्चलाइट है,
जो भटकी आत्माओं को
उनकी राह दिखाती है।

जब मन के तारों में
क्रोध और भ्रम का ओवरकरंट दौड़ पड़ता है,
तब तुम्हारा धैर्य
सर्किट ब्रेकर बन
सबकुछ सुरक्षित कर लेता है।
जब थकान की छाया
हमारे जीवन की वोल्टेज घटा देती है,
तब तुम्हारी मुस्कान
स्टेबिलाइज़र बन
संतुलन लौटा देती है।

गुरु,
तुम्हारे अनुभव की परतें
ट्रांसफार्मर वाइंडिंग्स हैं
कभी स्टेप-अप बनकर
हमारी जिज्ञासा को ऊँचाई देते हो,
कभी स्टेप-डाउन बनकर
कठिन सत्य को सरल बना देते हो।

तुम्हारे प्रश्न
कभी कोमल, कभी कठोर,
मानो हाई वोल्टेज टेस्ट
जो परखते हैं हमारी सोच की
डाइलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ।

तुम्हारा धैर्य
Power Reactor-सा है,
जो जीवन के प्रवाह में
अनचाहे हार्मोनिक्स को दबा देता है,
और विचारों की तरंगों को
शांत और स्थिर रखता है।

तुम्हारा स्नेह
Capacitor Bank जैसा है,
जो हर क्षण हमारी सोच का
पावर फैक्टर सुधारता है,
भटकते मन को
सही दिशा में मोड़ देता है।

तुम्हारी मौन मुस्कान
स्टैंडबाय जनरेटर है,
जो अचानक ब्लैकआउट में भी
आत्मा के कोनों को
प्रकाश से भर देती है।

तुम्हारी निगरानी
मानो RMU की तरह है,
जो हर फीडर पर
सुरक्षा और नियंत्रण बनाए रखती है,
और तुम्हारा मार्गदर्शन
SCADA-सा सर्वव्यापी,
जो दूर से ही
हर आत्मा के नेटवर्क को
रीयल-टाइम में नियंत्रित और संतुलित करता है।

तुम्हारी मर्यादा
Insulator जैसी है,
जो हर नकारात्मकता और अशुद्ध स्पर्श को
अंदर प्रवेश करने से रोक देती है,
और हमारी चेतना की शक्ति को
अनचाहे Earth होने से बचाकर
उसकी ऊर्जा को
सही दिशा में प्रवाहित करती है।

तुम्हारा आत्मिक रस
Transformer Oil जैसा है,
जो भीतर की हर वाइंडिंग को
ठंडक और सुरक्षा देता है।

तुम्हारी विनम्रता
Earthing है
जो हर ऊँचे वोल्टेज को
धरती से जोड़कर
अहंकार की चिंगारियों को
विलीन कर देती है।

गुरु,
तुम्हारे बिना
हमारी चेतना की पूरी नेटवर्क टोपोलॉजी
ढह जाती,
तुम न हो तो जीवन
केवल अंधकारमय ग्रिड फेल्योर है।
पर तुम हो तो
हर धड़कन अनवरत सप्लाई है,
हर श्वास अनन्त प्रकाश।

शिक्षक दिवस पर
हम नमन करते हैं तुम्हें
उस शाश्वत स्मार्ट ग्रिड को,
जो हर युग, हर पीढ़ी में
विचारों को
नवीन री-कॉन्फ़िगरेशन देता है।

तुम्हारी कृपा से ही
हमारे जीवन की हर नस
एक कंडक्टर बन गई है,
जहाँ बहता है
ऊर्जा का अनन्त प्रवाह,
जहाँ जलता है
प्रकाश का शाश्वत दीप।

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