नदियां और बहनें : हरवंश हृदय
नदियां और बहनें
दोनों ही
आती हैं सावन में
और लौट जाती हैं
हमें बताकर
अपनी जद
सीमा रेखाएं
अपना अधिकार क्षेत्र
जिस पर अनहद
कब्जा कर रखा होता है हमने ….
बड़े ही विनम्र भाव से
वो याचना करती हैं
कि संभाल कर रखना
मेरी विरासत
सुरक्षित रखना
मेरी मर्यादाएं
और बांधती हैं
रक्षा सूत्र
इस अनुरोध के साथ
कि मेरे संरक्षण में ही
निहित है
तुम्हारा स्वाभिमान
तुम्हारा वैभव
और
स्वयं तुम्हारी सुरक्षा ….!!
..✍️ हरवंश हृदय
(बांदा)