रोया है बहुत दिल
तुम्हारे लबों से वही नाम सुनकर
रोया है बहुत दिल सीने से लगकर
हलक सूखी सूखी है दिल भारी भारी
मिला क्या है तुमको हमें दर्द देकर
तुम्हारी वफ़ा पर यकीन है लेकिन
सीने के कुछ गम छूटेंगे मरकर
गर रब है सचमुच दुआ मांगता हूं
सलामत रखे तुमको मेरी उम्र लेकर