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21 Apr 2025 · 1 min read

सबसे बड़ा धर्म

मानवता है वो रंगीन धारा,
जो दिलों को जोड़ती है, बिना किसी तकरार।
यह न धर्म, न जाति, न भाषा की बात,
बस एक ही मानवता, है उसकी सौगात।

जब हम गिरते हैं, हाथ बढ़ाते हैं,
जब दुख आता है, साथ में खड़े रहते हैं।
मानवता का हृदय कभी नहीं रुकता,
यह सच्चाई है, जो कभी नहीं थमता।

नफ़रत की दीवारें टूटती हैं इसकी छाँव में,
एक मुस्कान से रौशन होती है हर राह में।
मानवता की दौलत है सबसे बड़ी,
यह न धन में है, न किसी की वसीयत में बसी।

आओ, हम सब मिलकर इसे फिर से जगाएँ,
रिश्तों में सच्चाई, प्रेम और विश्वास लाएँ।
कभी भी न भूलें, मानवता का रास्ता,
यह सबसे बड़ा धर्म है, यह है सच्चा वास्ता।

कभी उम्मीदें टूटें, या जीवन की राह हो कठिन,
मानवता का हाथ होगा सदा हमारा साथ, सबसे विनम्र।

डॉ. मुल्ला आदम अली
तिरुपति, आंध्र प्रदेश

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