उसके घर से दूर नहीं घर मेरा

उसके घर से दूर नहीं घर मेरा
पर रास्ते में पूरा ज़माना पड़ता है
उस गली में खो कर दिल अपना
शमा में मेरे दिल सा परवाना जलता है
हर दिन, हर शाम उसके नाम से गुज़ारे है
और जिस गली उसके नाम का जिक्र नहीं
वो रास्ते पराए कर डाले है
उसकी बातों से राब्ता है
पर अब क्या करें जनाब,
कुछ बाते उस सड़क पर ही दफ़न कर डाले हैं
-दूर्वा