"आर्यभट्ट जयन्ती दिनांक 14 अप्रैल 2025 पर विशेष.."
कैसा भी, परिवेश हो, या कैसा परिधान,
भारत ने दिखला दिया, अपनी सोच महान।
कुसुमपुरा, पटना निकट, पूज्य जन्मस्थान,
अप्रिल 14 जन्मदिन, का रक्खें कुछ भान।
ग्रन्थ सँस्कृत मेँ लिखा, आर्यभटी था नाम,
“सौरमंडली घूर्णन” अहम खोज का काम।
“पाई” का भी सन्निकट, पाया, मिला मक़ाम,
इक पल भी गणितज्ञ ने, किया नहीं विश्राम।
“गणित के जनक” का करें, उर से हम सम्मान,
“आर्यभट्ट” जी ने दिया, हमें शून्य का ज्ञान।
अन्तरिक्ष मेँ बढ़ गया, “लेज़र” से है मान,
“आशा” है, प्रतिपल चढ़े, देश नये सोपान..!