मुक्तक

मैं बन जाऊँ तेरा साधक तू मेरी साधिका बन जा
लिखूँ मैं प्रेम की गाथा अगर तू तूलिका बन जा
पुनः जीवंत हो जाये वो मधुबन रास लीला से
मैं बन जाऊँ तेरा कान्हा मेरी तू राधिका बन जा
———प्रीतम श्रावस्तवी——-
मैं बन जाऊँ तेरा साधक तू मेरी साधिका बन जा
लिखूँ मैं प्रेम की गाथा अगर तू तूलिका बन जा
पुनः जीवंत हो जाये वो मधुबन रास लीला से
मैं बन जाऊँ तेरा कान्हा मेरी तू राधिका बन जा
———प्रीतम श्रावस्तवी——-