#आज_का_मुक्तक

#आज_का_मुक्तक
■ चलना पड़ता है…
दिल चाहे तो भी, न चाहे तो भी। कभी अपने तो कभी अपनों के लिए। कभी हक़ीक़त तो कभी सपनों के लिए। कभी शौक़ से तो कभी मजबूरी में। यही जीवन की नीति और जगत की रीति भी है शायद।।
【प्रणय प्रभात】
#आज_का_मुक्तक
■ चलना पड़ता है…
दिल चाहे तो भी, न चाहे तो भी। कभी अपने तो कभी अपनों के लिए। कभी हक़ीक़त तो कभी सपनों के लिए। कभी शौक़ से तो कभी मजबूरी में। यही जीवन की नीति और जगत की रीति भी है शायद।।
【प्रणय प्रभात】