नदी जब निकलती हैं, उसके पास कोई नक्शा नहीं होता, कि सागर कह

नदी जब निकलती हैं, उसके पास कोई नक्शा नहीं होता, कि सागर कहाँ हैं, बिना नक्शे के सागर तक पहुंच जाती हैं, इसलिए “कर्म” करते रहिये, नक्शा तो भगवान पहले ही बनाकर बैठे हैं, हमको तो सिर्फ उसमे “बहना” ही हैं…🙏🏃🏻♂️राष्ट्रहित सर्वोपरि। सनातनी बने रहिए वरना सत्यानाश निश्चित हैं। चैत्र शुक्ल की प्रथम नवरात्रि मतलब हिन्दू नववर्ष का पदार्पण यह स्मरण कराने के लिए कि हम सभी को एक-दूजे को शुभकामनाऐ भी देनी हैं। अपनी आने वाली नई पीढी को अवश्य बताए और संस्कारो के साथ अपना नववर्ष मनाए। आपके अन्दर राष्ट्र प्रेम की जोत को जो मुखर हैं और ज्यादा मुखरता प्रदान करे। प्रणाम, नमस्कार, वंदेमातरम…भारत माता की जय 🚭‼️