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24 Jan 2025 · 1 min read

बृहद लेखनी का मंच

बृहद लेखनी का मंच
यह कभी भी बन नहीं सकता !
आप चाहे कुछ लिखेँ
सब इसे समझ नहीं सकता !!
संक्षिप्तता में ही
साहित्य का प्राण बसता है !
जिसकी अविरल
धार से सब सिक्त होता है !!@परिमल

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