शपथ तुम्हें है बाद मेरे,

शपथ तुम्हें है बाद मेरे,
गीत न मेरे मरने देना।
‘मनके मेरे मन के सब’,
आज तुम्हारे नाम किए।
सहज समर्पण है ये मेरा,
चाव मधुर अभिराम लिए।
मेरे सुपालित भावों के,
पात हरित न झरने देना।
गीत न मेरे मरने देना….
सीमा