*पीने को ना जल होगा*

पीने को ना जल होगा
सुधर जा तू मानव अज्ञानी, पीने को ना जल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।
रहो जागरुक करो जागरूक, पानी न बर्बाद करो।
पानी कैसे बचेगा आगे, इस पर भी संवाद करो।
पानी एक अनमोल तत्व है, शिक्षित बनकर काम करो।
जल जीवन है ये तुम समझो, सही सोच से हल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।।१।।
नासमझ क्यों तुम बने हो, पानी की कीमत जानो।
रेगिस्तान में जाकर देखो, बूंँद-बूंँद को पहचानो।
गर भविष्य चाहते हैं सुरक्षित, वर्तमान में इसे बचाओ।
भावी पीढ़ी की कर लो चिंता, सोचो जब ना जल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।।२।।
नदी ताल हो रहे प्रदूषित, शिक्षा व्यवहार में ढालो।
जो फर्ज है उसे निभाओ, अपने आप को संभालो।
मल मूत्र और कपड़े धोकर, गंदगी ना फैलाओ तुम।
ध्यान लगाकर करो कल्पना, जल बिन कैसा कल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।।३।।
सभी के लिए जरूरी है जल, सोच समझकर यूज करो।
बेमतलब तुम जल को इन्सा, बिल्कुल ना मिसयूज करो।
जल है तो कल होगा अच्छा, दुष्यन्त कुमार का सार सुनो।
दिनों-दिन तल गिर रहा है नीचे, सोचो जब ना तल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।।४।।
सुधर जा तू मानव अज्ञानी, पीने को ना जल होगा।
पानी के लिए युद्ध धरा पर, आज नहीं तो कल होगा।।