दोहा

दोहा
राज पिपासा है बुरी, शांति चैन हर लेय।
कस्तूरी की खोज में, मृग जीवन तज देय।।
शांति कहुं ना पाइये,वाह बसै मन माय।
अन्तर मन खोजत नहीं,बाहर खोजन जाय।।
~राजकुमार पाल (राज)
दोहा
राज पिपासा है बुरी, शांति चैन हर लेय।
कस्तूरी की खोज में, मृग जीवन तज देय।।
शांति कहुं ना पाइये,वाह बसै मन माय।
अन्तर मन खोजत नहीं,बाहर खोजन जाय।।
~राजकुमार पाल (राज)