"सौम्यता" कृतित्व और व्यक्तित्व में होनी चाहिए। बातों और विच
दुनियाँ में सबने देखा अपना महान भारत।
भूली-बिसरी यादों में लम्हों की सौगात है,
ख़्वाब में पास थी वही आँखें ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
*आओ जाने विपरीत शब्द -अर्थ*”
एक छोटा सा दर्द भी व्यक्ति के जीवन को रद्द कर सकता है एक साध
मन की संवेदना: अंतर्मन की व्यथा
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
डॉ अरूण कुमार शास्त्री एक अबोध बालक अरूण अतृप्त
कपड़ों की तरहां मैं, दिलदार बदलता हूँ
मर्दाना हँसी ताक़तवर हँसी *मुसाफिर बैठा
सबके सुख में अपना भी सुकून है
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही