*डांडी यात्रा* 12मार्च 1930
सन उन्नीस सौ तीस का साल,
बापू ने जब किया कमाल।
अंग्रेजी क़ानून को तोड़ा,
छात्र, कृषक, श्रमिकों को जोड़ा।।
साबरमती से पैदल चलकर,
तीन सौ अट्ठासी किलोमीटर।
साथ अट्ठहत्तर सहयोगी थे,
दृढ़ निश्चयी कर्मयोगी थे।।
सिन्धु जल से नमक बनाया,
अंग्रेजों को सबक सिखाया।
आज दिवस है बारह मार्च,
बापू ने किया था डांडी मार्च।।
उद्देलित भारत का जन-जन,
शुरू हुआ असहयोग आन्दोलन।
आजादी का प्रथम चरण,
बापू को है कोटि नमन।।