मैं उदास क्यो मुझको पता नही ।

मैं उदास क्यो मुझको पता नही ।
शायद खुशियाँ खो रही है कही ।
जीवन की इस भूल भुलैया में ,
जिंदगी आस को ढो रही है कही ।
…..विवेक “निश्चल”@…
मैं उदास क्यो मुझको पता नही ।
शायद खुशियाँ खो रही है कही ।
जीवन की इस भूल भुलैया में ,
जिंदगी आस को ढो रही है कही ।
…..विवेक “निश्चल”@…