एक उम्र के बाद आस, अपेक्षा, चिंता, दायित्व जैसी गठरियाँ सिर

एक उम्र के बाद आस, अपेक्षा, चिंता, दायित्व जैसी गठरियाँ सिर से उतार फेंकनी चाहिए। ताकि आगे की यात्रा सरल हो सके।
😊प्रणय प्रभात😊
एक उम्र के बाद आस, अपेक्षा, चिंता, दायित्व जैसी गठरियाँ सिर से उतार फेंकनी चाहिए। ताकि आगे की यात्रा सरल हो सके।
😊प्रणय प्रभात😊