अनगणित भाव है तुम में , तुम ही हर भाव में बसी हो ,

अनगणित भाव है तुम में , तुम ही हर भाव में बसी हो ,
सागर सा प्यार है तुम में , तुम ही प्यार का नाम हो ,
एक मधुर धुन है तुम में , तुम ही संगीत का राग हो ,
बेहिसाब सा जादू है तुम में , तम ही मेरी हँसी हो ,
बेमिसालसी यादे है तुम में , तुम ही मेरी हर शाम हो ,
अजिब सा नशा है तुम में , तुम ही मेरी भांग हो ,
देवी माँ का रूप है तुम में , तुम ही मेरी माँ हो ..
जिवन का अर्थ है तुम में , तुम ही मेरा जिवन हो ,
मेरे दिल के अल्फाज है तुम में , तुम ही मेरी कविता हो ,
गंगा का वास है तुम में , तुम ही मेरा गुरूर हो ,
तुलसी सी पवित्रता है तुम में , तुम ही मेरे संस्कार हो ,
नारी का अभिमान है तुम में , तुम ही मेरा स्वाभिमान हो
मेरे दिल की धड़कन है तुम में , तुम ही मेरी धड़कन हो ,
देवी माँ का अंश है तुम में , तुम ही मेरी माँ हो .