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28 Feb 2025 · 1 min read

नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे

122 122 122 122

जी मे आया पूछे सवालात तुमसे
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे

बदलने लगी हूं मैं यह लोग कहते
जो मिलने लगे हैं ख्यालात तुमसे

ये बेचैनियां रात को सोने ना दे
भला हम छुपाएंगे हालात तुमसे

तू है भोला, मासूम इतना जियादा
बताने लगी हूं मैं हर बात तुमसे

तू ही जीने का इक सहारा है मेरा
घने काले बादल ये बरसात तुमसे।

नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर

Language: Hindi
30 Views
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