नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
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जी मे आया पूछे सवालात तुमसे
नहीं जब कभी हो मुलाकात तुमसे
बदलने लगी हूं मैं यह लोग कहते
जो मिलने लगे हैं ख्यालात तुमसे
ये बेचैनियां रात को सोने ना दे
भला हम छुपाएंगे हालात तुमसे
तू है भोला, मासूम इतना जियादा
बताने लगी हूं मैं हर बात तुमसे
तू ही जीने का इक सहारा है मेरा
घने काले बादल ये बरसात तुमसे।
नूर फातिमा खातून नूरी
जिला -कुशीनगर