नदी हमारा

मैं नदी हूं ना जाने कब से
पता नहीं अवतार हमारा
युगों की मैं उन्माद प्रवाह
प्राणी जीवों में जीवन हूँ
नग पर्वत मेरी माता पिता
हरियाली घाटी बीज तत्व
समीर पवन नभ मेघा मेरी
जहाँ जन्म ली भोली भाली
गतिशीलता ही आत्मा मेरी
वन रेगिस्तान समतल वादी
निर्जन कानन आनन प्यारी
लुका छिपी का खेल हमारी
काट छाँट अतिक्रमण हटा
बाढ़ तराहीमय मज़ा हमारी
कलकल ध्वनि स्वरनाद भरा
ताल तलैया है मजे की भैया
रोड़े पत्थर चट्टानों से टकरा
माधुर्य संगीतमय राग हमारा
रजत तरंगिनी यौवन है मेरी
ढलती उम्र में छिपी तरुणी
सौंदर्य अक्षय प्रकृति यौवन
अजर अमर रूप श्रृंगार मेरा
चंचल चंचला क्रुद्ध रौद्रता
काम कामनी की धार हूँ मैं
तट बंदगाह से अर्थ व्यवस्था
धर्म कर्म आस्था इक संगम
महाकुंभ की जहां लगती मेला
गंगा यमुना सरस्वती किनारा
स्वर्गीय वृहत् रूप हमारा
स्वर्ग से उतरी पावन पुत्री
गंगा की बहती अमृत धारा
नद्य सागर का लहर हमारा ।
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टी .पी तरुण