(रफी साहब की स्मृति को नमन)
(रफी साहब की स्मृति को नमन)
1
हुआ तुमसे पहले न कोई आगे आयेगा
सारा जहान बस यही गीत गुनगुनायेगा
हां तुम मुझे यूं भुला न पाओगे
सच है रफी साहब कोई तुमको कैसे भूल पायेगा
2
रफी साहब तुम्हारी याद में रहती हैं आंख नम
रोने के सिवा और तो कुछ कर न सके हम
सदमे से न उबरने देगा आसमां का ये फैसला
बिजली सी गिर पड़ी है क्या बताएं हम