Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2025 · 1 min read

#नव_प्रयोग

#मंगलमय_हो_मंगलवार
■ क्या काम कनक से…?
【प्रणय प्रभात】
कनक की खनक ना कनक का ख़ुमार,
कनक की ज़रूरत किसे अब है यार।
कनक के बिना ही चमक बरक़रार,
कनक भूधराकार हम पर उदार।।
जी हां, वही “कनक।” जिसके दो अर्थ सोना और धतूरा एक दोहे के माध्यम से “श्लेष” अलंकार का सर्वाधिक प्रचलित केंद्र बने। यहां मामला एक पग आगे का है। कनक का एक अर्थ “गेंहू” भी होता है और इन तीनों कनक की हम जैसे जीवों को क्या आवश्यकता? हमारे साथ कनक के पर्वताकार स्वरूप हमारे पथदर्शक श्री हनुमान जी महाराज स्वयं सूक्ष्म रूप में बने हुए हैं। परम-सदगुरुदेव भगवान के स्वरूप में। जय राम जी की। जय हनुमान जी की।।
😊😊😊😊😊😊😊😊😊
-सम्पादक-
न्यूज़&व्यूज (मप्र)

1 Like · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

चलने दे मुझे... राह एकाकी....
चलने दे मुझे... राह एकाकी....
पं अंजू पांडेय अश्रु
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
हे राम तुम्हारा अभिनंदन।
सत्य कुमार प्रेमी
पिरामिड -यथार्थ के रंग
पिरामिड -यथार्थ के रंग
sushil sarna
आशा
आशा
Rambali Mishra
अहसास तेरे होने का
अहसास तेरे होने का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Holi mein rango se khelo logo mubaarak baat do Holi ke rang
Holi mein rango se khelo logo mubaarak baat do Holi ke rang
Babiya khatoon
क़र्ज़ का रिश्ता
क़र्ज़ का रिश्ता
Sudhir srivastava
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
3267.*पूर्णिका*
3267.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार जताने का ये तरीका भी ठीक है ।
प्यार जताने का ये तरीका भी ठीक है ।
ललकार भारद्वाज
हिचकियों   की   मुझे   तमन्ना  है ,
हिचकियों की मुझे तमन्ना है ,
Dr fauzia Naseem shad
वक्त
वक्त
Atul "Krishn"
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
समल चित् -समान है/प्रीतिरूपी मालिकी/ हिंद प्रीति-गान बन
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ना हम जैसा कोई हमारे बाद आएगा ,
ना हम जैसा कोई हमारे बाद आएगा ,
Manju sagar
रुखसती!
रुखसती!
Pradeep Shoree
नन्हा बालक
नन्हा बालक
Ruchi Sharma
बस इतना बता दो...
बस इतना बता दो...
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
मां के किसी कोने में आज भी बचपन खेलता हैयाद आती है गुल्ली डं
अश्विनी (विप्र)
*दीपक (बाल कविता)*
*दीपक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
होली आई रे
होली आई रे
Mukesh Kumar Sonkar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बहनें
बहनें
krupa Kadam
मैं अलहड सा
मैं अलहड सा
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
दुआएँ मिल जाये यही काफी है,
दुआएँ मिल जाये यही काफी है,
पूर्वार्थ
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
Manisha Manjari
#शीर्षक:- गणेश वंदन
#शीर्षक:- गणेश वंदन
Pratibha Pandey
डेढ़ दीन्हा प्यार
डेढ़ दीन्हा प्यार
जय लगन कुमार हैप्पी
उधेड़-बुन
उधेड़-बुन
surenderpal vaidya
Loading...