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15 Feb 2025 · 1 min read

221 2122 2 21 2122

221 2122 2 21 2122
ना तो मक़ा मेरा था ना तो जहाँ मेरा था
जाते भी तो कहाँ जाते न रास्ता मेरा था

लेखक – ज़ुबैर खान……✍️

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