जिंदगी भी इसी को कहते हैं

जिंदगी भी इसी को कहते हैं, हम जीये और जीने दें सबको।
गर कोई खुशी मिलती है तो, हम बांटें खुशी वह यहाँ सबको।।
जिंदगी भी इसी को कहते हैं————————।।
वह जीवन भी क्या जीवन है, मतलब अपनी ही रखें खबर।
खुद के लिए ही करें दुहा, औरों की खुशी से हो बेखबर।।
हम रब से करें यह दुहा सदा, खुशहाल रखें वह यहाँ सबको।
जिंदगी भी इसी को कहते हैं———————–।।
कोशिश हमेशा यही करें, हम जोश में होश नहीं भूलें।
मंजिल अपनी पाने के लिए, हम राह धर्म की नहीं भूलें।।
मतलब मंजिल हो नेकी की, मिले हमसे सहारा यहाँ सबको।
जिंदगी भी इसी को कहते हैं———————–।।
चोट हमसे किसी को नहीं पहुँचे, समझे जज्बात सभी के हम।
आबाद अगर नहीं कर सकते, बर्बाद किसी को करें नहीं हम।।
जैसे कि हम है जी आज़ाद, ऐसी ही आजादी यहाँ दें सबको।
जिंदगी भी इसी को कहते हैं————————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)