*कलिमल समन दमन मन राम सुजस सुखमूल।*

कलिमल समन दमन मन राम सुजस सुखमूल।
सादर सुनहि जे तिनह पर राम रहहि अनुकूल।।
श्री रामचंद्र जी का सुन्दर यश कलियुग के पापों का नाश करने वाला,मन को दमन करने वाला और सुख का मूल है।जो लोग इसे आदरपूर्वक सुनते हैं,उन पर श्री राम जी प्रसन्न रहते हैं।
कठिन काल मल कोस धर्म न ग्यान न जोग जप।
परिहरि सकल भरोस रामही भजही ते चतुर नर।।
यह कठिन कलिकाल पापों का खजाना है; इसमें न धर्म है ,न ज्ञान है और न योग तथा जप ही है।इसमें तो जो लोग सब भरोसो को छोड़कर श्री राम जी को ही भजते हैं,वे ही चतुर हैं।।
अरण्य कांड
रामचरित मानस
🙏🏼🌹🚩जय श्री राम सीता राम