बदलती दुनियां
बदल रही हैं फ़िजा,
ये हवाएँ बदल रही हैं।
वक्त ठहरा हुआ हैं मेरा,
अब राहें बदल रही हैं।
आँखो से होती ओझल,
मंज़िल बदल रही हैं।
मेरे घर पर लौटने की
हर गली बदल रही हैं।
मतलब की दुनिया मे अब
यारी बदल रही हैं,
लगता हैं जैसे दुनिया
सारी बदल रही है।
मैं खौफ खाया सहमा,
बैठा हूँ एक जगह पर
कि मेरी खुद की बगीया,
अब माली बदल रही है।
सफर ए ज़िंदगी में,
जिस राह से मैं गुजरा
वो राह भी अब अपना
राही बदल रही हैं।
बदलती दूनियाँदारी बदलती देखी यारी,
बदलते रिस्ते नाते,
मेरी रूह भी अब शायद,
पारी बदल रही हैं।
लोकेश कोचले
23/04/2022