दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
कब तलक राह तेरी मैं देखा करूं
इंतहा प्रेम की तो अब हो चली
पास आजा तुझे रोज देखा करूं
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
कब तलक राह तेरी मैं देखा करूं
इंतहा प्रेम की तो अब हो चली
पास आजा तुझे रोज देखा करूं
संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश