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11 Jan 2025 · 1 min read

दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं

दूर कब तक भला मैं तुझसे रहूं
कब तलक राह तेरी मैं देखा करूं
इंतहा प्रेम की तो अब हो चली
पास आजा तुझे रोज देखा करूं

संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

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