बड़ा महसूस होता है, मगर हम कह नही सकते।
बड़ा महसूस होता है, मगर हम कह नही सकते।
जिंदा तुम्हारी फटकार, और पुचकार जहन में है।
अकेले हैं, और तन्हा हैं, अब खामोशी सताती है।
कैसे कहें भइया, तुम्हारी बहुत याद आती है।
श्याम सांवरा…
बड़ा महसूस होता है, मगर हम कह नही सकते।
जिंदा तुम्हारी फटकार, और पुचकार जहन में है।
अकेले हैं, और तन्हा हैं, अब खामोशी सताती है।
कैसे कहें भइया, तुम्हारी बहुत याद आती है।
श्याम सांवरा…