आज फिर, ना जाने कौन सा, समझौता आयेगा मेरे हिस्से, कोई कह रहा
आज फिर, ना जाने कौन सा, समझौता आयेगा मेरे हिस्से, कोई कह रहा था की समझदार हो तुम इसलिए आज फिर लिपट कर मुझसे खूब रोई तमन्नाएँ मेरी, खबर थी उनको की आज फिर, दिल से निकाला जाएगा..!
आज फिर, ना जाने कौन सा, समझौता आयेगा मेरे हिस्से, कोई कह रहा था की समझदार हो तुम इसलिए आज फिर लिपट कर मुझसे खूब रोई तमन्नाएँ मेरी, खबर थी उनको की आज फिर, दिल से निकाला जाएगा..!