जिन्दगी में
जिन्दगी में
न जाने कौन सी
बात
आखिरी होगी
न जाने कौन सी
रात
आखिरी होगी
मिलते-जुलते
बातें
करते रहो यारों
एक-दूसरे से
न जाने कौन सी
मुलाकात
आखिरी होगी।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
जिन्दगी में
न जाने कौन सी
बात
आखिरी होगी
न जाने कौन सी
रात
आखिरी होगी
मिलते-जुलते
बातें
करते रहो यारों
एक-दूसरे से
न जाने कौन सी
मुलाकात
आखिरी होगी।
डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति