नया वर्ष
नया वर्ष आ गया।
नई सुबह
नया दिवस
नया समय
नई तारीख
नया पल
नई घड़ी
नया कैलेंडर
नई उमंग
नई ऊर्जा के साथ
चिड़ियों का चहचहाना
नई किरणों के साथ
सूरज
आसमान के
नये सफर में छा गया।
अधरों पर नई मुस्कान
आंखों पर नई चमक
कदमों में नई चाल
शब्दों में नई ध्वनि
नया अहसास
नई सोच में
नये सपने संजोए
नई रचना बुनकर
मदहोश खो गया।
निकल पड़ा
फिर उसी कार्य के लिए
पेट के दर्द के लिए
बच्चों की प्यास के लिए
कपड़ा मकान के लिए
कंधे पर कुदाल लिए
नीली पनीली आंखें
डगमगाते पग
पथरीले मग
हौले हौले जा रहा
गीत गुनगुना रहा
कपड़े के टुकड़े में
पुरानी रोटी
नमक से भरी
क्षुधा के लिए
प्रसन्नचित
कार्य में
फिर से लग गया।
नया वर्ष आ गया।।
———– सतगुरु प्रेमी
मो. नं. – 9721750511