Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

There can be many ways to look at it, but here’s my understa

There can be many ways to look at it, but here’s my understanding.

You can become the greatest, but you should always be humble, more closer to grounds rather than the sky, because sky is limitless.

There will always be someone better out there, strive for greatness but never let the success get in your head, always be humble, I’ve seen ego killings more talents than anything else.

Stay connected with your roots and keep hustling every single day !!

31 Views

You may also like these posts

19. Cry of a Female Foetus
19. Cry of a Female Foetus
Santosh Khanna (world record holder)
भजन (संत रविदास)
भजन (संत रविदास)
Mangu singh
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
रक्षाबंधन की सभी भाई बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाईयां
Neelofar Khan
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
जीवन रूपी बाग में ,सत्कर्मों के बीज।
Anamika Tiwari 'annpurna '
करार दे
करार दे
SHAMA PARVEEN
वक्त के  आगे जीव की,
वक्त के आगे जीव की,
sushil sarna
*सत्य  विजय  का पर्व मनाया*
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ छंद लिखे (चौपाई)
आओ छंद लिखे (चौपाई)
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
झूठ बोलती एक बदरिया
झूठ बोलती एक बदरिया
Rita Singh
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
फिर तुम्हारी आरिज़ों पे जुल्फ़ याद आई,
Shreedhar
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
चलो अयोध्या रामलला के, दर्शन करने चलते हैं (भक्ति गीत)
Ravi Prakash
जिंदगी अच्छे और बुरे दोनों पलों से मिलकर बनी है, दोनों का अप
जिंदगी अच्छे और बुरे दोनों पलों से मिलकर बनी है, दोनों का अप
ललकार भारद्वाज
मेरे  जीवन की  कमी हो  तुम
मेरे जीवन की कमी हो तुम
Sonam Puneet Dubey
দৃশ্যপট
দৃশ্যপট
Sakhawat Jisan
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
Suryakant Dwivedi
"बड़ी-बड़ी मुश्किलों का मालिक हूं मैं ll
पूर्वार्थ
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
दिल की दहलीज़ पर जब भी कदम पड़े तेरे।
Phool gufran
कविता हंसना
कविता हंसना
Akib Javed
दीपक सरल के मुक्तक
दीपक सरल के मुक्तक
डॉ. दीपक बवेजा
शब्द
शब्द
Sûrëkhâ
याद रखना
याद रखना
Pankaj Kushwaha
कोशी मे लहर
कोशी मे लहर
श्रीहर्ष आचार्य
"नवरात्रि पर्व"
Pushpraj Anant
दउरिहे भकोसना
दउरिहे भकोसना
आकाश महेशपुरी
दूब घास गणपति
दूब घास गणपति
Neelam Sharma
लघु कथा:सुकून
लघु कथा:सुकून
Harminder Kaur
2581.पूर्णिका
2581.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
बाईसवीं सदी की दुनिया
बाईसवीं सदी की दुनिया
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
Loading...