कामुकता एक ऐसा आभास है जो सब प्रकार की शारीरिक वीभत्सना को ख
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
ग़ज़ल _ क्या हुआ मुस्कुराने लगे हम ।
इच्छा और परीक्षा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बुद्ध चाहिए युद्ध नहीं / रजनी तिलक (पूरी कविता...)
दिखावा कि कुछ हुआ ही नहीं
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
आजकल लोग बहुत निष्ठुर हो गए हैं,
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हर वक़्त सही है , गर ईमान सही है ,
*दुनिया से जब जाऊँ तो क्या, छोड़ूँ क्या ले जाऊँ( हिंदी गजल/गी
बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया
I Am Always In Search Of The “Why”?
हर मुश्किल का हल निकलेगा..!