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19 Dec 2024 · 1 min read

ਰਿਸ਼ਤੇ ਉਗਾਉਂਦੇ ਨੇ ਲੋਕ

ਰਿਸ਼ਤੇ ਉਗਾਉਂਦੇ ਨੇ ਲੋਕ ਵਿੱਚ ਗਮਲਿਆਂ ਦੇ।
ਸਹਾਰੇ ਭਾਲਦੇ ਨੇ ਲੋਕ ,ਕੋਠੀ ਦੇ ਥੰਮਲਿਆ ਦੇ

ਪਿਆਰ ਦੀ ਕਹਾਣੀ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਦੱਸੀਏ ਤਾਂ ਕਿਵੇਂ
ਸ਼ੁਮਾਰ ਕਰਦੇ ਨੇ ਲੇਕ , ਵਿਚ ਕਮਲਿਆਂ ਦੇ‌

ਨਸਲਾਂ ਤੇ ਫਸਲਾਂ ਬਰਬਾਦ ਹੋ ਹੀ ਜਾਂਦੀਆਂ ਨੇ
ਹਾਕਮ ਦੁਸ਼ਮਣ ਨੂੰ ਮਿੱਤ ਸਮਝੇ ਵਿਚ ਹਮਲਿਆਂ ਦੇ।

ਸਿਰਾਂ ਦੇ ਸਿਰ ਵੱਢੇ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਉਦੋਂ ਲੋਕੋਂ
ਮੁਲ ਪੈ ਜਾਂਦੇ ਨੇ ਜਦੋਂ ਸ਼ਮਲਿਆਂ ਦੇ ।

ਪਾਕ ਸਾਫ਼ ਮੁਹੱਬਤਾਂ ਕਦ ਮਿਲਣ ਲੋਕਾਂ ਵਿਚ
ਇਹ ਜਾਗੀਰਾਂ ਮਿਲਦੀਆਂ ਨੇ ਵਿੱਚ ਯਮਲਿਆਂ ਦੇ।

ਸੁਰਿੰਦਰ ਕੌਰ

Language: Punjabi
34 Views
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