Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2024 · 1 min read

बच्चा बिकाऊ है (15)

बच्चा ले लो बच्चा ले लो आया फेरी वाला।
सुन उसकी आवाज युग़ल एक आया बडा़ निराला।
हमको दे दो हम पालेगे बच्चा कुशल क्षेम से।
लाख रूपैया नगदी दे दो पालो बडे़ प्रेम से।
क्या बच्चे भी बिकते हैं क्यों तूने शोर मचाया।
आज तक तो बिका ना कोई अमीर ग़रीब का जाया।
पैसा देकर वस्तू लेना क्या बिक्री नही कहाती।
लाख दो लाख की भेंट चढा़ क्या जच्चा बच्चा नही लाती।
जबरन पेट चिलाया और थैला भरी दवाई।
तीस मिनट मे गायब हो गयी जच्चा बच न पायी।
मूक बधिर से खडे़ देखते शब्द एक ना निकला। घर द्वार की भेंट चढा़ दी चिकित्सक का दिल ना पिघला।
मंहगी दवा चिकित्सक मंहगे तेरा ना कोई सामी।
झूठ सच के इस झगड़े में सच की मर जाती नानी।
अस्पताल की सुरक्षा हेतू सरकारे नियम बनाया।
गार्ड कमाण्डो हमला करते जो जरा भी जुबां हिलाया।
वोट की खातिर नेतागण हैं द्वार आपके आते।
ऐसे मामलो मे तिनका भर सहाय नही कर पाते।
ताकतवर सब मौन तू इकला लुटता पिटता रहता।
नही संगठन ऐसा कोई जो तुझे सहाय को कहता।
सच तो है आपरेशन कक्ष मे तीमारदार का होना।
कितनी दवा सामान खरीदा निगरानी का होना।
जनता के हित सरकारों को चाहिऐ नियम बनाना।
लापरवाही मे प्राण जाये तो देना पडे़ जुर्माना।

115 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

जिंदगी के अनुभव– शेर
जिंदगी के अनुभव– शेर
Abhishek Soni
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
*बना दे शिष्य अपराजित, वही शिक्षक कहाता है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
बेसहारा दिल
बेसहारा दिल
Dr. Rajeev Jain
मन
मन
SATPAL CHAUHAN
भावी युद्ध ...
भावी युद्ध ...
SURYA PRAKASH SHARMA
***
***"जिंदगी की राहों में"***
Abhilesh sribharti अभिलेश श्रीभारती
ज़िंदगी खूबसूरत है, इसे जी कर देखिए , गुरूर कभी काम नहीं आता
ज़िंदगी खूबसूरत है, इसे जी कर देखिए , गुरूर कभी काम नहीं आता
Neelofar Khan
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
नज़र को नज़रिए की तलाश होती है,
नज़र को नज़रिए की तलाश होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
छान रहा ब्रह्मांड की,
छान रहा ब्रह्मांड की,
sushil sarna
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
*प्रणय प्रभात*
आत्महत्या
आत्महत्या
अंकित आजाद गुप्ता
बीता हुआ कल
बीता हुआ कल
dr rajmati Surana
दिनांक 12/07/2024
दिनांक 12/07/2024
shashisingh7232
रंगीला संवरिया
रंगीला संवरिया
Arvina
अग्निवीर
अग्निवीर
ललकार भारद्वाज
3917.💐 *पूर्णिका* 💐
3917.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
छन-छन के आ रही है जो बर्गे-शजर से धूप
Sarfaraz Ahmed Aasee
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
गज़ल
गज़ल
Jai Prakash Srivastav
"गुरु पूर्णिमा"
Dr. Kishan tandon kranti
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
अच्छे कर्मों का फल (लघुकथा)
Indu Singh
भूखों का कैसा हो वसंत / राजकुमार कुंभज
भूखों का कैसा हो वसंत / राजकुमार कुंभज
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
मात-पिता गुरु का ऋण बड़ा, जन्मों न चुक पाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सौंदर्य
सौंदर्य
OM PRAKASH MEENA
परम्परा को मत छोडो
परम्परा को मत छोडो
Dinesh Kumar Gangwar
कविता
कविता
Rambali Mishra
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
कुछ लोग बात को यूॅं ही बतंगड़ बनाते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
भामाशाह
भामाशाह
Dr Archana Gupta
Loading...