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11 Dec 2024 · 1 min read

ऐसी आभा ऐसी कांति,

ऐसी आभा ऐसी कांति,
मन को शीतल करे मन को दे शांति।
सांवरे तुझे मिलेगी वहीं कहीं,
छोड़ आया हो तू जहां कपट और भ्रांति।

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