ये वक़्त कभी असुरक्षित करता है तो कभी सुरक्षित,
ये वक़्त कभी असुरक्षित करता है तो कभी सुरक्षित,
ये वक़्त कभी धोका देता है तो करता कभी अचंभित,
ना पहचाना कीमत इसकी जो, होता अक्सर वो लज्जित,
शुभ घड़ी देखकर हो नई शुरुआत और रहें सदा आशान्वित।
…. अजित कर्ण ✍️