Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Sep 2023 · 1 min read

शराब मुझको पिलाकर तुम,बहकाना चाहते हो

(शेर)- पिलाकर शराब मुझको तुम, अगर राज मालूम करते हो।
हाँ, मैं नशे में हूँ मगर होश में हूँ मैं, तुम मुझको नहीं जानते हो।।
—————————————————
शराब मुझको पिलाकर तुम, बहकाना चाहते हो।
कोई करार मुझसे नशे में तुम, करवाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर——————-।।

यह तुम्हारा वहम है, मैं हूँ नशे में, नहीं है होश।
मुझसे नशे में कोई राज तुम, जानना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————–।।

तुमको तो मालूम है कि, झूठ नहीं मैं कहता हूँ।
मेरी शराफत का फायदा तुम, उठाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————–।।

पूछते हो हाथ रखकर, अपनों से रिश्तों की बातें।
ऐसी महफ़िलों में मुझको तुम, मिटाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————-।।

जानते हो मेरी कमजोरी, मैं बहुत हूँ जज्बाती।
अपने लिए मुझको हथियार, तुम बनाना चाहते हो।।
शराब मुझको पिलाकर—————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

232 Views

You may also like these posts

"तू ठहरा सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
धड़कनों में प्यार का संचार है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
चमकत चेहरा लजाई
चमकत चेहरा लजाई
राधेश्याम "रागी"
FB68 còn nổi bật với hệ thống livestream các sự kiện thể tha
FB68 còn nổi bật với hệ thống livestream các sự kiện thể tha
Fb68
*कविवर शिव कुमार चंदन* *(कुंडलिया)*
*कविवर शिव कुमार चंदन* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जग कल्याणी
जग कल्याणी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सबकी आंखों में एक डर देखा।
सबकी आंखों में एक डर देखा।
Kumar Kalhans
🌹💖🌹
🌹💖🌹
Neelofar Khan
नशा छोडो
नशा छोडो
Rajesh Kumar Kaurav
എന്റെ കണ്ണൻ
എന്റെ കണ്ണൻ
Heera S
आँसू
आँसू
Shashi Mahajan
हर  घड़ी  ज़िन्दगी  की  सुहानी  लिखें
हर घड़ी ज़िन्दगी की सुहानी लिखें
Dr Archana Gupta
बुद्धित्व क्षणिकाँये
बुद्धित्व क्षणिकाँये
DR ARUN KUMAR SHASTRI
जब आमदनी रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत से कई गुना अधिक हो तब व
जब आमदनी रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमत से कई गुना अधिक हो तब व
Rj Anand Prajapati
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों
पूर्वार्थ
* संतुलन *
* संतुलन *
Vaishaligoel
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
जो जुल्फों के साये में पलते हैं उन्हें राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
इसी से सद्आत्मिक -आनंदमय आकर्ष हूँ
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
दो बूंदों में डूब के रह गयी   ….
दो बूंदों में डूब के रह गयी ….
sushil sarna
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें
Virendra kumar
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
तू अपना सफ़र तय कर -कविता
Dr Mukesh 'Aseemit'
मौत पर लिखे अशआर
मौत पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
#चुनावी मौसम में-
#चुनावी मौसम में-
*प्रणय*
निहारा
निहारा
Dr. Mulla Adam Ali
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
आप थोड़ा-थोड़ा ही काम करें...
Ajit Kumar "Karn"
मतलब का सब नेह है
मतलब का सब नेह है
विनोद सिल्ला
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dr. Priya Gupta
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
Learn the things with dedication, so that you can adjust wel
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...