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29 Jul 2024 · 1 min read

എന്റെ കണ്ണൻ

എന്റെ കണ്ണൻ
****************
എത്ര കണ്ടാലും
കൊതി തീരുകില്ലെന്റെ
കണ്ണാ നിൻ മോഹന രൂപം.

ചിത്തത്തിൽ നിൻ രൂപം
ഓർത്തിടവേ എന്റെ
ദുഃഖങ്ങൾ എല്ലാം
മറന്നിടും ഞാൻ.

എത്ര കണ്ടാലും
കൊതിതീരുകില്ലെന്റെ
കാർവർണ്ണാ നിൻ
മോഹനരൂപം.

ഓടക്കുഴൽ
തൃക്കയ്യിലേ-
ന്തിയും മയിൽ
പീലികൾ വാർമുടി
ക്കെട്ടിൽ
തിരുകിയും
മഞ്ഞപ്പട്ടുട-
യാടകൾ ചുറ്റിയും…

എത്ര
കണ്ടാലും കൊതി
തീരുകില്ലെന്റെ കണ്ണാ
നിൻ മോഹന രൂപം.

കൈകളിൽ ഓടക്കുഴ
ലുമേന്തി കാൽകൾ
പിണച്ചുള്ള ചേലൊത്ത
നിൽപ്പും.

എത്ര കണ്ടാലും
കൊതി തീരുകില്ലെന്റെ
കാർവർണ്ണാ നിൻ
മോഹന രൂപം.

നിന്നെക്കണ്ടു കൈകൂപ്പി-
ത്തിരിഞ്ഞു നടന്നാലും
പിന്നെയും പിന്നെയും
നോക്കിടും ഞാൻ.

എത്ര കണ്ടാലും കൊതി
തീരുകില്ലെന്റെ
കണ്ണാ നിൻ മോഹന രൂപം.💕

ഹീരാ ഷണ്മുഖം.

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