Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2024 · 1 min read

*पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)*

पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल (कुंडलिया)
_________________________
पूजा में चढ़ते मधुर, चंपा के शुभ फूल
इन पर कब संसार की, चढ़ी वासना-धूल
चढ़ी वासना-धूल, नहीं भॅंवरा मॅंडराता
कामदेव का बाण, न चल इस पर कुछ पाता
कहते रवि कविराय, पुष्प कब इस-सा दूजा
देता शांति विशेष, करें चंपा से पूजा

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

44 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

"जीवन का सबूत"
Dr. Kishan tandon kranti
नम आँखे
नम आँखे
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गांव
गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
अल्फाज़.......दिल के
अल्फाज़.......दिल के
Neeraj Agarwal
Dictatorship in guise of Democracy ?
Dictatorship in guise of Democracy ?
Shyam Sundar Subramanian
यदि ध्वनि हद से ज्यादा हो जाए तो सबसे पहले वो आपके ध्वनि को
यदि ध्वनि हद से ज्यादा हो जाए तो सबसे पहले वो आपके ध्वनि को
Rj Anand Prajapati
उलझी हुई है जुल्फ
उलझी हुई है जुल्फ
SHAMA PARVEEN
संवेग बने मरणासन्न
संवेग बने मरणासन्न
प्रेमदास वसु सुरेखा
*साइकिल (कुंडलिया)*
*साइकिल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आत्मबल
आत्मबल
Punam Pande
सूर्योदय
सूर्योदय
विशाल शुक्ल
रातें सारी तकते बीतीं
रातें सारी तकते बीतीं
Suryakant Dwivedi
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
विद्यार्थी जीवन
विद्यार्थी जीवन
Santosh kumar Miri
माथे की बिंदिया
माथे की बिंदिया
Pankaj Bindas
वक़्त  बहुत  कम  है.....
वक़्त बहुत कम है.....
shabina. Naaz
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
पैसा आपकी हैसियत बदल सकता है
शेखर सिंह
साथ
साथ
Ragini Kumari
दिल का दर्द, दिल ही जाने
दिल का दर्द, दिल ही जाने
Surinder blackpen
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
शाइरी ठीक है जज़्बात हैं दिल के लेकिन
Neeraj Naveed
सोने के सुन्दर आभूषण
सोने के सुन्दर आभूषण
surenderpal vaidya
हर वो शख्स खुश रहे...
हर वो शख्स खुश रहे...
Ravi Betulwala
```
```
goutam shaw
दुआ करें
दुआ करें
Shekhar Chandra Mitra
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
डॉ. दीपक बवेजा
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
लू गर्मी में चलना, आफ़त लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
सोच के दायरे
सोच के दायरे
Dr fauzia Naseem shad
*लड़ाई*
*लड़ाई*
Shashank Mishra
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
Loading...