मैं भविष्य की चिंता में अपना वर्तमान नष्ट नहीं करता क्योंकि
*जो अच्छा-भला जिया जीवन, वह भला सीख क्या पाता है (राधेश्यामी
तुम्हारी चाहतें
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तुझे याद करता हूँ क्या तुम भी मुझे याद करती हो
जीवन है अलग अलग हालत, रिश्ते, में डालेगा और वही अलग अलग हालत
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गिरता है गुलमोहर ख्वाबों में
मुझे भी कोई प्यार सिखा दो,
कांटों में जो फूल खिले हैं अच्छे हैं।