ऑफ्टर रिटायरमेंट
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
A Picture Taken Long Ago!
हमारी योग्यता पर सवाल क्यो १
रुबाइयों में बहता इश्क है मेरा दिल में बहता
World tobacco prohibition day
इन काली रातों से इक गहरा ताल्लुक है मेरा,
गम एक जहर है ,फिर भी पिए जाती हूँ ।
कहने वाले बिल्कुल सही कहा करते हैं...
त्यागने से जागने की ओर - रविकेश झा
हमने एक बात सीखी है...... कि साहित्य को समान्य लोगों के बीच
ये जो आँखों का पानी है बड़ा खानदानी है
महाकुंभ के त्रिवेणी महासंगम मंथन से निकली चीजें...!
मौत का पैग़ाम होकर रह गई,
उठ रहा मन में समन्दर क्यूँ छल रहा सारा जहाँ,