बचपन के वो दिन कितने सुहाने लगते है
शायद जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण स्वयं को समझना है।
पूर्णिमांजलि काव्य संग्रह
*टैगोर काव्य गोष्ठी/ संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ* आज दिनांक 1
रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.!
- बस एक बार मुस्कुरा दो -
आप की मुस्कुराहट ही आप की ताकत हैं
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
जो दर्द किसी को दे, व्योहार बदल देंगे।
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,