Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#17 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
293 Followers
Follow
Report this post
10 Nov 2024 · 1 min read
” डगर “
” डगर ”
फिक्र ना करो पहुँचेंगे जरूर,
हम निकल चुके हैं डगर पर।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
2 Comments
· 50 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
sp 100 किस से मन की पीर *********************
Manoj Shrivastava
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तुम भी सर उठा के जी सकते हो दुनिया में
Ranjeet kumar patre
श
Vipin Jain
भोले नाथ तेरी सदा ही जय
नेताम आर सी
*भारत भूषण जैन की सद्विचार डायरी*
Ravi Prakash
मनमुटाव सीमित रहें,
sushil sarna
इंसान दुनिया जमाने से भले झूठ कहे
ruby kumari
संवेदनायें
Dr.Pratibha Prakash
■शिक्षक दिवस (05 सितंबर)■
*प्रणय*
9) खबर है इनकार तेरा
पूनम झा 'प्रथमा'
79kingpress
79kingpress
मंहगाई की हालत क्या है पूछो बाजार से
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
श्रमिक
Neelam Sharma
" कालजयी कृति "
Dr. Kishan tandon kranti
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
सुखांत
Laxmi Narayan Gupta
समुद्र इसलिए खारा क्योंकि वो हमेशा लहराता रहता है यदि वह शां
Rj Anand Prajapati
कोशिशों की न पूछ कुछ हमसे,
Dr fauzia Naseem shad
दोहावली
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
#श्याम की गोपियां
Radheshyam Khatik
मोह की समाप्ति भय का अंत है,
पूर्वार्थ
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
क्यों पढ़ा नहीं भूगोल?
AJAY AMITABH SUMAN
डमरू वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
*हिंदी*
Dr. Priya Gupta
दुविधा
Shyam Sundar Subramanian
“दोहरी सोच समाज की ,
Neeraj kumar Soni
हर इश्क में रूह रोता है
Pratibha Pandey
अंजुरी भर धूप
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
Loading...