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1 Nov 2024 · 1 min read

sp106 दीपावली -दीप + आवली

sp106 दीपावली -दीप + आवली
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दीप + आवली दीपों की पक्ति है जिसका मतलब दीपमाला है
सबसे घनेरी रात अमावस्या उसमें करती दिव्य उजाला है

तमसो मा ज्योतिर्गमय:’ का मतलब अंधकार से प्रकाश की ओर
रोशन दिखती चहूं दिशि दुनिया भले अंधेरा हो घनघोर

यक्ष और गंधर्वों का पर्व था गंधर्व राज कुबेर थे स्वामी
मां लक्ष्मी भगवान विष्णु की विवाह की तिथि गई है मानी

लक्ष्मी कुबेर के साथ- साथ गणपति पूजन प्रारंभ हुआ
फैला प्रकाश जगती में इक नवयुग का प्रारंभ हुआ

मां काली भी अवतरित हुई सारे असुरों का नाश किया
पर उनके ताप तभी उतरा शिवजी का जब स्पर्श हुआ

भगवान विष्णु ने वामन का अवतार लिया त्रिलोक लिया
राजा बलि की दानशीलता से उनको पाताल का लोक दिया

इंद्र ने सुरक्षित देवलोक को मान के सुरक्षित मनाई दिवाली
पारिजात वृक्ष लाए थे कृष्ण धरती पर आई खुशहाली

14 वर्षों का वनवास हुआ पूरा श्री राम अयोध्या में आए उनके आने के स्वागत में यह दीपोत्सव भारत में प्रारंभ हुआ

मोहनजोदड़ो सभ्यता में इसके प्रमाण इतिहास में पलते हैं
दीपोत्सव वहां भी होता था देवी के हाथों में दीपक जलते हैं
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp106

Language: Hindi
66 Views
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