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2 Feb 2024 · 1 min read

पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे - संदीप ठाकुर

पाँव में खनकी चाँदी हो जैसे
उसने मुंडेर फाँदी हो जैसे

छत पे दो पल मिलन जुदाई में
धूप में बूँदा-बाँदी हो जैसे

संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur

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