Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Oct 2024 · 4 min read

धनतेरस का महत्व

धनतेरस का पर्व भारतीय संस्कृति में गहराई से रचा-बसा है, जिसे हर वर्ष बड़े उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के पीछे कई धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह पर्व दीपावली से पहले आता है, जो पूरे पांच दिनों तक चलने वाले त्योहारों की शुरुआत करता है। धनतेरस को भारतीय समाज में समृद्धि और खुशहाली के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

धनतेरस का पौराणिक संदर्भ

धनतेरस का पर्व त्रयोदशी के दिन मनाया जाता है, जो हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास में आती है। इस दिन का महत्त्व इस पौराणिक कथा से जुड़ा है कि समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के देवता और वैद्य माने जाते हैं, और इसलिए धनतेरस पर उनकी पूजा की जाती है। इस दिन स्वास्थ्य, दीर्घायु और कल्याण के लिए भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद मांगा जाता है। यह पर्व हमें यह संदेश भी देता है कि जीवन में धन से अधिक स्वास्थ्य का महत्त्व है, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही सुख और समृद्धि का आधार है।

माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा

धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य, और खुशहाली की देवी माना गया है, और यह दिन उन्हें प्रसन्न करने का अवसर होता है। कुबेर, जो धन के स्वामी हैं, की भी पूजा कर लोग उनके आशीर्वाद से संपत्ति और वैभव प्राप्त करने की कामना करते हैं। इस दिन को संपत्ति में वृद्धि और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, और घरों में लक्ष्मी पूजन के लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं।

बर्तन और आभूषण खरीदने की परंपरा

धनतेरस पर बर्तन, सोना, चांदी और अन्य धातुओं की खरीद को शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन खरीदे गए बर्तन या आभूषण घर में संपत्ति और ऐश्वर्य का आगमन करते हैं। इसके पीछे धार्मिक मान्यता यह है कि भगवान धन्वंतरि जब अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, तो वह दिन धनतेरस का ही था। इसलिए इस दिन किसी धातु की खरीदारी करने से परिवार में समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। इसके अतिरिक्त, लोग इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन और घरेलू उपकरण भी खरीदते हैं, जो उनके जीवन में उन्नति का प्रतीक होता है।

धनतेरस पर घरों की सजावट और दीप प्रज्वलन

धनतेरस के दिन घरों को साफ-सुथरा करने और उन्हें सजाने का विशेष रिवाज है। लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं, और दीप जलाकर स्वागत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर घर में प्रकाश करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं। दीपक जलाना अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है, जो हमारे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना को दर्शाता है। लोग इस दिन अपने घरों के साथ-साथ अपने कार्यस्थल और दुकानों को भी सजाते हैं, ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद उन्हें प्राप्त हो सके।

आधुनिक समय में धनतेरस का आर्थिक महत्त्व

आज के युग में धनतेरस का महत्त्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी बढ़ा है। इस दिन कई दुकानदार और व्यापारी विशेष छूट और ऑफर्स देते हैं, जिससे खरीददारी में वृद्धि होती है। यह पर्व बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होता है, जब लोग सोना, चांदी, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक सामान, और घरेलू उपकरणों की खरीददारी बड़े पैमाने पर करते हैं। भारत में धनतेरस के दौरान बाजारों की रौनक देखते ही बनती है, और यह समय आर्थिक दृष्टि से व्यापारियों और उद्यमियों के लिए उन्नति का प्रतीक है।

स्वास्थ्य और धनतेरस का गहरा संबंध

धनतेरस का संदेश केवल धन और संपत्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य की ओर भी इशारा करता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा कर लोग अपने और अपने परिवार के स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं। आधुनिक समय में यह पर्व हमें याद दिलाता है कि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। चाहे कितनी भी संपत्ति क्यों न हो, यदि स्वास्थ्य अच्छा नहीं है तो जीवन का आनंद अधूरा ही रहता है। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का यह पर्व हमें प्रेरित करता है कि हम स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और रोगमुक्त रहें।

समाज में सुख, शांति और समृद्धि का संदेश

धनतेरस का पर्व केवल व्यक्तिगत संपत्ति के लिए नहीं बल्कि समाज में सामूहिक रूप से सुख, शांति और समृद्धि की कामना का प्रतीक है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों को उपहार देते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं। यह त्योहार हमें सिखाता है कि वास्तविक संपत्ति वही है जो हमारे समाज में खुशहाली और एकता को बढ़ावा दे। इस प्रकार, धनतेरस हमें व्यक्तिगत लाभ के साथ-साथ सामाजिक लाभ के लिए भी प्रेरित करता है।

अतः, धनतेरस का यह पर्व न केवल हमारे जीवन में भौतिक संपत्ति का प्रतीक है बल्कि यह हमारे जीवन को संतुलित, स्वस्थ और सकारात्मक बनाने की भी प्रेरणा देता है। यह हमें याद दिलाता है कि सच्ची समृद्धि वही है जो समाज, परिवार, और खुद के भीतर शांति और आनंद का संचार करे।

Language: Hindi
Tag: लेख
61 Views

You may also like these posts

हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
डॉ. दीपक बवेजा
"सभी के सभी शातिर इंसान हैं ll
पूर्वार्थ
*गाथा बिहार की*
*गाथा बिहार की*
Mukta Rashmi
*जिंदगी*
*जिंदगी*
Harminder Kaur
व्यथा
व्यथा
विजय कुमार नामदेव
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
प्यार इस कदर है तुमसे बतायें कैसें।
Yogendra Chaturwedi
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस :इंस्पायर इंक्लूजन
Dr.Rashmi Mishra
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
दुश्मन जितना भी चालाक हो
दुश्मन जितना भी चालाक हो
Vishal Prajapati
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
आपसे होगा नहीं , मुझसे छोड़ा नहीं जाएगा
Keshav kishor Kumar
दोहे एकादश ...
दोहे एकादश ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
खुशामद की राह छोड़कर,
खुशामद की राह छोड़कर,
Ajit Kumar "Karn"
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
दियो आहाँ ध्यान बढियाँ सं, जखन आहाँ लिखी रहल छी
DrLakshman Jha Parimal
" दर्पण "
Dr. Kishan tandon kranti
तुम मेरा हाल
तुम मेरा हाल
Dr fauzia Naseem shad
सौंदर्य मां वसुधा की
सौंदर्य मां वसुधा की
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
ललकार की पुकार
ललकार की पुकार
ललकार भारद्वाज
बेचैन स्मृतियां
बेचैन स्मृतियां
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जै मातादी
जै मातादी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
डूबते को तिनके का सहारा मिल गया था।
डूबते को तिनके का सहारा मिल गया था।
Ritesh Deo
29. ज़माना
29. ज़माना
Rajeev Dutta
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
मशहूर तो भले ही ना हुये हैं हम, मगर
Shinde Poonam
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Karuna Bhalla
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
कवनो गाड़ी तरे ई चले जिंदगी
आकाश महेशपुरी
कौन कहता है कफ़न का रंग सफ़ेद ही होता है
कौन कहता है कफ़न का रंग सफ़ेद ही होता है
Iamalpu9492
वक्त के साथ
वक्त के साथ
Chitra Bisht
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
अफवाह एक ऐसा धुआं है को बिना किसी आग के उठता है।
Rj Anand Prajapati
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
Loading...