Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Oct 2024 · 1 min read

4620.*पूर्णिका*

4620.*पूर्णिका*
🌷 कुछ भी ना कहेंगे हम 🌷
22 212 22
कुछ भी ना कहेंगे हम ।
साथ जहाँ रहेंगे हम ।।
देना था दिया सब कुछ ।
खुशियांँ गम सहेंगे हम ।।
बहती प्रेम की धारा ।
बनके नद बहेंगे हम ।।
बदले दौर दुनिया भी।
न यहाँ जुल्म ढ़हेंगे हम ।।
तमन्नाएं यहाँ खेदू।
सनम तुझे चहेंगे हम ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
12-10-2024 शुक्रवार

44 Views

You may also like these posts

रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
रंग बिरंगी दुनिया होती हैं।
Neeraj Agarwal
#शेर-
#शेर-
*प्रणय*
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
उस झरोखे को बंद करें, जो आपको पीड़ा देता है, बाहर का दृश्य च
इशरत हिदायत ख़ान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
गिरता है धीरे धीरे इंसान
Sanjay ' शून्य'
मुफ्त का चंदन
मुफ्त का चंदन
Nitin Kulkarni
मात्र नाम नहीं तुम
मात्र नाम नहीं तुम
Mamta Rani
अंतिम सत्य
अंतिम सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
अतिथि देवोभवः
अतिथि देवोभवः
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
बिगड़ी किश्मत बन गयी मेरी,
Satish Srijan
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के 4 प्रणय गीत
कवि रमेशराज
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
- आजकल गहलोत अकेला पड़ गया है -
- आजकल गहलोत अकेला पड़ गया है -
bharat gehlot
सागर
सागर
विजय कुमार नामदेव
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
gurudeenverma198
*पलटूराम*
*पलटूराम*
Dushyant Kumar
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
"जीवन लगता"
Dr. Kishan tandon kranti
2486.पूर्णिका
2486.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मुस्कुराओ
मुस्कुराओ
पूर्वार्थ
शुभकामना
शुभकामना
DrLakshman Jha Parimal
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
दिल रंज का शिकार है और किस क़दर है आज
Sarfaraz Ahmed Aasee
पीड़ाओं के संदर्भ
पीड़ाओं के संदर्भ
दीपक झा रुद्रा
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
हिंदी हमारे देश की एक भाषा मात्र नहीं है ,
पूनम दीक्षित
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
#ਸੱਚ ਕੱਚ ਵਰਗਾ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
जो कभी रहते थे दिल के ख्याबानो में
shabina. Naaz
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
कहने के लिए तो बहुत शब्द लाया हूँ ।
कहने के लिए तो बहुत शब्द लाया हूँ ।
ललकार भारद्वाज
इंतजार किया है कितना
इंतजार किया है कितना
C S Santoshi
सावन का महीना
सावन का महीना
Dr. Vaishali Verma
Loading...